TY - BOOK
T1 - दुनिया ने जैसे सामाजिक मीडिया को बदल दिया
AU - Miller, Daniel
AU - Costa, Elisabetta
AU - Haynes, Nell
AU - McDonald, Tom
AU - Nicolescu, Razvan
AU - Sinanan, Jolynna
AU - Spyer, Juliano
AU - Venkatraman, Shriram
AU - Wang, Xinyuan
A2 - Venkatraman, Shriram
PY - 2019/2/28
Y1 - 2019/2/28
N2 - दुनिया ने जैसे सामाजिक मीडिया को बदल दिया, हम क्यों पोस्ट करते हैं ग्रन्थ श्रृंखला का पहला ग्रन्थ है जो उन नौ मानवविज्ञानियों के निष्कर्षों पर जाँच करता है जिन्होंने दुनिया भर के समूहों में १५ महीने तक बिताया जिसमे शामिल है ब्राज़ील, चिली, चीन, इंग्लैंड, भारत, इटली, ट्रिनिडाड और टर्की. यह ग्रन्थ एक तुलनात्मक विश्लेषण को प्रदान करता है जो अनुसंधान के परिणाम को संक्षेप में प्रस्तुत करता है और राजनीति और लिंग, शिक्षा और व्यापार पर सामाजिक मीडिया के प्रभाव का पता लगाता है. दृश्य संचार पर बढ़ते हुए ज़ोर का परिणाम क्या है? क्या हम अधिक व्यक्तिगत या सामाजिक बनते हैं? क्यों सार्वजनिक सामाजिक मीडिया अधिक रूढ़िवादी होता है? क्यों ऑनलाइन समानता ऑफलाइन असमानता को बदलने में असफल होता है? कैसे मिमी इंटरनेट के नैतिक पुलिस बन गए? परियोजना के शैक्षिक ढाँचा और सैद्धांतिक शर्तों, जो निष्कर्षों के उत्तरदायी होने में मदद करते हैं, के परिचय से समर्थित होकर यह ग्रन्थ तर्क करता है कि सामाजिक मीडिया जैसे अन्तरंग और सर्वव्यापक वास्तु को समझने और मूल्यांकन करने का एक ही रास्ता पोस्ट करनेवाले लोगों के जीवन में तल्लीन होकर रहना है. तभी हम पता लगा सकते हैं कि दुनिया भर के लोगों ने जैसे सामाजिक मीडिया को अभी तक अप्रत्याशित तरीकों से बदल दिया हैं और उनके परिणाम पर आकलन कर सकते हैं.
AB - दुनिया ने जैसे सामाजिक मीडिया को बदल दिया, हम क्यों पोस्ट करते हैं ग्रन्थ श्रृंखला का पहला ग्रन्थ है जो उन नौ मानवविज्ञानियों के निष्कर्षों पर जाँच करता है जिन्होंने दुनिया भर के समूहों में १५ महीने तक बिताया जिसमे शामिल है ब्राज़ील, चिली, चीन, इंग्लैंड, भारत, इटली, ट्रिनिडाड और टर्की. यह ग्रन्थ एक तुलनात्मक विश्लेषण को प्रदान करता है जो अनुसंधान के परिणाम को संक्षेप में प्रस्तुत करता है और राजनीति और लिंग, शिक्षा और व्यापार पर सामाजिक मीडिया के प्रभाव का पता लगाता है. दृश्य संचार पर बढ़ते हुए ज़ोर का परिणाम क्या है? क्या हम अधिक व्यक्तिगत या सामाजिक बनते हैं? क्यों सार्वजनिक सामाजिक मीडिया अधिक रूढ़िवादी होता है? क्यों ऑनलाइन समानता ऑफलाइन असमानता को बदलने में असफल होता है? कैसे मिमी इंटरनेट के नैतिक पुलिस बन गए? परियोजना के शैक्षिक ढाँचा और सैद्धांतिक शर्तों, जो निष्कर्षों के उत्तरदायी होने में मदद करते हैं, के परिचय से समर्थित होकर यह ग्रन्थ तर्क करता है कि सामाजिक मीडिया जैसे अन्तरंग और सर्वव्यापक वास्तु को समझने और मूल्यांकन करने का एक ही रास्ता पोस्ट करनेवाले लोगों के जीवन में तल्लीन होकर रहना है. तभी हम पता लगा सकते हैं कि दुनिया भर के लोगों ने जैसे सामाजिक मीडिया को अभी तक अप्रत्याशित तरीकों से बदल दिया हैं और उनके परिणाम पर आकलन कर सकते हैं.
U2 - 10.14324/111.9781787354937
DO - 10.14324/111.9781787354937
M3 - Monografi
T3 - Why We Post
BT - दुनिया ने जैसे सामाजिक मीडिया को बदल दिया
PB - UCL Press
ER -